ख्वाइशें शायद हकीकत से ज्यादा ख़ूबसूरत होती है
ख्वाइशें वह सफर है और हकीकत एक कयाम
और हम तो बस एक मुसाफिर हैं
चले जा रहे हैं , अपनी क्वहाइशों को लिए...
तुम अक्सर पूछती हो मुझसे
क्यों नहीं चले जाते वापिस अपने गांव
क्या मज़ा है इस शहर की कशमश की ज़िन्दगी में
क्या मज़ा है इस शोर में, इस गम में...
मुझे...
ख्वाइशें
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3:51:00 PM
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vC
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